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पिछले दो दिन से आश्चर्यजनक रूप से एक ख़बर टीवी न्यूज़ चैनलों पर छाई हुई है – राष्ट्रीय शूटिंग खिलाड़ी तारा शाहदेव के साथ ज़ेहादी मानसिकता वाले शैतान मुस्लिम युवक ने अपनी हिन्दू पहचान बताकर शादी की और फिर शादी की रात से ही तारा पर अपनी असलियत ज़ाहिर कर इस्लाम् क़बूलवाने के लिए अमानवीय अत्याचारों का एक अंतहीन सिलसिला शुरू कर दिया।
कुछ दिन पूर्व मेरठ में एक हिन्दू युवती के साथ मदरसों में जिस प्रकार गैंगरेप एवं जबरन इस्लाम् क़बूलवाने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना की राख़ अभी ठंडी भी न पड़ी थी कि ये ख़बर आ गयी।
किसी ने कभी नारा दिया था कि ’गर्व से कहो हम हिन्दू हैं।’, मेरी नज़र में वह नारा आज औचित्यहीन हो चुका है, क्योंकि मुझे अपने हिन्दू होने पर सिर्फ़ शर्म ही आ रही है। पिछले दो दिन से चैनलों पर इस संदर्भ में जो बहसें आयोजित की जिसमें हमेशा की तरह सारी पार्टी के प्रवक्ताओं को बुलाया गया।
कांग्रेस के मुस्लिमपरस्त् संत आचार्य प्रमोद कृष्णन् का इस बारे में मत था कि यदि इस ज़ेहादी मुस्लिम का यह पैशाचिक कृत्य ग़लत है तो फिर हिन्दुओं ने भी मुसलमान लड़कियों से विवाह किये हैं, वे भी ग़लत हैं। इन पिशाचों का पक्ष लेते समय वे यह भूल जाते हैं कि कभी किसी हिन्दू ने अपनी पहचान छुपाकर किसी मुस्लिम लड़की से विवाह नहीं किया है और न ही कभी उसे हिन्दू धर्म में शामिल होने के लिये प्रताड़ित किया है। हां यदि वह अपनी मर्ज़ी और ख़ुशी से अपना धर्म बदल रही है तो ठीक है, वरना तो उसे अपनी धार्मिक मान्यताओं को निभाने की अनुमति हमेशा से ही रही है। अव्वल तो होता यह आया है कि इस प्रकार के अधिकांश प्रकरणों में ख़ुद हिन्दू युवक पर ही इस्लाम् क़बूलने का दबाव बनाया जाता है तथा ऐसे अनगिनत उदाहरण हमारे सामने हैं जिसमें एक मुस्लिम युवती से विवाह करने के लिए हिन्दू युवक ने ही इस्लाम् क़बूल कर लिया। दूसरी बात, एक हिन्दू युवक किसी मुस्लिम युवती से प्रेम संबंध स्थापित करने में 1000 बार सोचता है क्योंकि पता है कि इसकी क़ीमत उसे अपनी जान देकर भी चुकानी पड़ सकती है। तारा शाहदेव के प्रकरण में उस पर किये गये अमानवीय अत्याचारों से आँख मूँदकर अपनी कांग्रेसी मुस्लिमपरस्त घृणित विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए ये हिन्दू नामधारी आचार्य आगे कहते हैं कि यदि किसी मुस्लिम युवक के हिन्दू युवती से विवाह को आप ’लव ज़ेहाद, कहते हैं तो हिन्दू युवक के किसी मुस्लिम युवती ये विवाह को आप क्या कहेंगे। यह जानते हुए भी कि यह मामला अंतर्जातीय विवाह से पूरी तरह जुदा, एक बेहद घृणित एवं गंभीर अमानवीय अपराध का है। इस घटना पर अखिलेश यादव का बेहद निंदनीय बयान आया है कि यदि आप हेमामालिनी के गाने देखेंगे तो प्रेम तो होगा ही। यहां उल्लेखनीय है कि तारा शाहदेव का मामला प्रेम विवाह का नहीं है। समाजवादी पार्टी की एक महिला प्रवक्ता, जो महिला आयोग की सदस्य भी है, का कहना है कि ये अखिलेश सरकार को बदनाम करने की साज़िश है। सबसे बड़ी बात है कि टीवी चैनल के एंकर सहित कांग्रेस(I-इस्लामी), समाजवादी पार्टी एवं अन्य सभी देशद्रोही पार्टियों के ग़द्दार नेता, एक सुर में इन मुद्दों को उठा रहे भाजपा नेताओं का विरोध शुरू कर देते हैं तथा उनका पूरा ज़ोर इस बात पर रहता है कि भाजपा नेता किसी भी तरह अपनी बात नहीं रख पाये। मुस्लिम आचार्य प्रमोद कृष्णन्, मुल्ला यादव सहित तथाकथित सेक्युलर हिन्दू हमें यह संदेश दे रहे हैं कि भले ही भारत में मुगल साम्राज्य का अंत हो गया, किन्तु उनके काल में जिन हिंदू गद्दारों के कारण हिन्दुस्तान मुगलों का गुलाम हुआ था, उनकी औलादें अभी भी जिंदा हैं, जिनसे हमारे देश को खतरा है।
अंत में एक प्रार्थना श्री मोदी जी के नाम –
माननीय प्रधानमंत्री श्री मोदी जी, आपसे मेरा करबद्ध निवेदन है कि कृपया इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर इन ज़ेहादी पिशाचों से हिन्दुस्तान को आज़ादी दिलवायें, तभी सही मायने में हम मानेंगे कि हम आज़ाद हैं। ये ज़ेहादी पिशाच पूरे देश को पीछे की ओर धकेल रहे हैं तथा इस देश के बहुसंख्यक हिन्दुओं के लिए भयानक़ ख़तरा बनकर मंडराने लगे हैं। कृपया इनसे हमें मुक़्त करें। हमारी आने वाली पीढ़ियां आपकी सदैव आभारी रहेंगी।
इसी आशा के साथ,
निवेदनकर्त्ता – अपने ही देश में अपने अस्तित्व के समाप्त होने से डर से आतंकित एक हिन्दू।
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